नवरात्रि व्रत: हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना सही? पोषण विशेषज्ञ शिवानी से जानें सही तरीका
नवरात्रि व्रत: हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना सही? पोषण विशेषज्ञ शिवानी से जानें सही तरीका | विकलांग जनों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए


नवरात्रि व्रत: हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना सही? पोषण विशेषज्ञ शिवानी से जानें सही तरीका
नमस्ते! मैं शिवानी, एक पोषण विशेषज्ञ और विकलांगता के साथ जीवन जी रही एक सामान्य व्यक्ति हूँ। नवरात्रि का पावन समय आते ही सबसे बड़ा सवाल यही उठता है: क्या व्रत रखें? और अगर रखें, तो ऐसे कि सेहत बनी रहे, वजन कम हो जाए और आध्यात्मिक लाभ भी मिले?
आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। मेरा मानना है कि व्रत शरीर को कष्ट देने का नहीं, बल्कि उसे शुद्ध और ऊर्जावान बनाने का तरीका होना चाहिए। चलिए, शुरू करते हैं।
भाग 1: व्रत से पहले की तैयारी – बॉडी को डिटॉक्स के लिए तैयार करें
अचानक से सख्त व्रत शुरू करना शरीर के लिए एक झटका हो सकता है। इन आसान स्टेप्स से अपने शरीर को तैयार करें:
1. धीरे-धीरे कम करें अनहेल्दी चीजें (3 दिन पहले से):
· चाय-कॉफी, चीनी, प्रोसेस्ड फूड, नमक और नॉन-वेज का सेवन कम करना शुरू कर दें। इससे शरीर को एडजस्ट करने का समय मिलेगा और क्रेविंग्स कम होंगी।
2. हाइड्रेशन है जरूरी:
· व्रत शुरू होने से 2-3 दिन पहले से ही खूब पानी, नारियल पानी, और छाछ पीना शुरू कर दें। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहेगा।
3. हल्का और सुपाच्य भोजन:
· व्रत से एक दिन पहले रात का भोजन हल्का रखें। खिचड़ी, दाल-सब्जी जैसा आसानी से पचने वाला भोजन लें।
भाग 2: व्रत के दौरान की गई आम गलतियाँ और उनका वैज्ञानिक समाधान
व्रत के दौरान हम कई ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं जो वजन बढ़ाने और सेहत खराब करने का कारण बनती हैं।
गलती 1: बिल्कुल भी नमक न खाना – एक गलत धारणा
· समस्या: कई लोग सोचते हैं कि व्रत में कोई नमक नहीं खाना चाहिए। यह गलत है। नमक पूरी तरह छोड़ने से शरीर में सोडियम और पोटैशियम का बैलेंस बिगड़ता है, जिससे डिहाइड्रेशन, कमजोरी, चक्कर आना और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
· समाधान: सेंधा नमक (Rock Salt) का प्रयोग करें।
· वैज्ञानिक कारण: सेंधा नमक प्राकृतिक है और इसमें 84 प्रकार के खनिज तत्व होते हैं। यह साधारण नमक की तुलना में कम प्रोसेस्ड होता है और शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
गलती 2: ज्यादा मीठा और हाई-कैलोरी फूड खाना
हम समझते हैं कि व्रत में "कुछ तो मिला" है, इसलिए साबूदाना खिचड़ी, आलू के चिप्स, पकौड़े और मीठे हलवे पर टूट पड़ते हैं।
· कैलोरी का हिसाब जान लें:
· साबूदाना खिचड़ी (1 कटोरी): लगभग 400-500 कैलोरी
· कुट्टू के पकौड़े (4-5 पीस): 300-400 कैलोरी
· सूजी का हलवा (1 कटोरी): 250-300 कैलोरी
· तली हुई मूंगफली (1 कटोरी): 500-600 कैलोरी
· समाधान:
· मिठास के लिए: चीनी की जगह गुड़, खजूर या शहद का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें।
· तलने के बजाय: खाना भूनें, उबालें या एयर-फ्राई करें।
· वैरायटी जोड़ें: सिर्फ साबूदाना और आलू नहीं, सामक के चावल, राजगिरा (Amaranth), कुट्टू (Buckwheat) जैसे अनाजों को शामिल करें। ये फाइबर और प्रोटीन से भरपूर हैं।
गलती 3: निर्जला व्रत (बिना पानी के रहना) – सबसे खतरनाक
· खतरे के संकेत: निर्जला व्रत डिहाइड्रेशन की ओर ले जाता है, जिसके लक्षण हैं – तेज सिरदर्द, चक्कर आना, किडनी पर दबाव, और हार्ट बीट का अनियमित होना।
· समाधान: पानी जरूर पिएं! दिन में 8-10 गिलास तरल पदार्थ लें। नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी (बिना चीनी), और हर्बल चाय पी सकते हैं।
गलती 4: प्रोटीन की अनदेखी करना
व्रत के भोजन में अक्सर कार्बोहाइड्रेट (स्टार्च) ज्यादा और प्रोटीन बहुत कम होता है। इससे कमजोरी लगती है और जल्दी भूख लगती है।
· समाधान: हर भोजन में प्रोटीन जरूर शामिल करें।
· दही (Curd): प्रोबायोटिक्स और प्रोटीन का अच्छा स्रोत।
· पनीर (Cottage Cheese): व्रत में प्रोटीन का बेहतरीन विकल्प।
· मखाना (Fox Nuts): भूनकर खाएं, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर।
· नट्स और बीज: सीमित मात्रा में बादाम, अखरोट लें।
भाग 3: विकलांगजनों के लिए विशेष सुझाव (मेरे निजी अनुभव से)
एक विकलांग व्यक्ति होने के नाते, मैं समझती हूँ कि हमारी एनर्जी लेवल और शारीरिक सीमाएं अलग होती हैं।
· ऊर्जा प्रबंधन: हमारी शारीरिक गतिविधि कम होती है, इसलिए कैलोरी की जरूरत भी कम होती है। भारी और तली चीजें खाने से थकान बढ़ सकती है।
· लंबे गैप से बचें: एक बार में बहुत सारा खाने के बजाय, दिन में 4-5 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। इससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहेगा और एनर्जी बनी रहेगी।
· सुपाच्य भोजन: हल्का, उबला हुआ और कम तेल वाला भोजन पाचन तंत्र पर जोर नहीं डालेगा।
· सुनें अपने शरीर को: अगर ज्यादा थकान या कमजोरी लगे, तो व्रत में ढील देना ठीक है। आध्यात्मिकता स्वास्थ्य से ऊपर नहीं है।
भाग 4: व्रत के बाद सामान्य डाइट में कैसे लौटें? (Post-Fast Maintenance)
व्रत तोड़ने के बाद अचानक से हैवी और स्पाइसी खाना शुरू कर देना पाचन तंत्र के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
1. पहला दिन: व्रत खत्म होने के बाद पहला भोजन हल्का और सादा होना चाहिए। जैसे:
· खिचड़ी: दाल-चावल की खिचड़ी सबसे अच्छा विकल्प है। यह आसानी से पच जाती है।
· सूप: मूंग दाल का सूप या वेजिटेबल सूप लें।
· दही: दही या छाछ पेट के लिए अच्छी होती है।
2. दूसरा दिन: अगर पहले दिन सब ठीक रहा, तो आप सामान्य रोटी-सब्जी शुरू कर सकते हैं, लेकिन तला-भुना और मसालेदार भोजन अभी भी अवॉइड करें।
3. तीसरा दिन: धीरे-धीरे अपनी नॉर्मल डाइट में वापस लौटें।
भाग 5: कब व्रत तोड़ देना चाहिए? – खतरे के संकेत
व्रत रखना अच्छा है, लेकिन सेहत से समझौता करना नहीं। नीचे दिए गए लक्षण दिखने पर तुरंत व्रत तोड़ें और डॉक्टर से सलाह लें:
· बहुत तेज चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना।
· सांस लेने में तकलीफ होना।
· दिल की धड़कन का अचानक बहुत तेज या बहुत धीमी हो जाना।
· डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर 70 mg/dL से नीचे या 300 mg/dL से ऊपर चला जाए।
· उल्टी या जी मिचलाना।
· अत्यधिक कमजोरी और थकान।
निष्कर्ष
नवरात्रि का व्रत आत्मिक शुद्धि और शारीरिक डिटॉक्सीफिकेशन का एक सुंदर मौका है। इसे सही जानकारी और सावधानी के साथ करने से ही इसका पूरा लाभ मिल पाता है। याद रखें, माँ दुर्गा की भक्ति स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने में नहीं, बल्कि अपने शरीर और मन की अच्छी देखभाल करने में है।
शुभ नवरात्रि! आप सभी का स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति हो।